अल्लाहु अकबर कहते हुए - तब वह नजारा देखूंगा मैं




काटो अपने बच्चे को और
मनाओ खुशियाँ दुनिया जहाँ की
याद रखना यह दिन भी आएगा
तब वह नजारा देखूंगा मैं

एक ने सर पकड़ा मेरा
एक ने धड़ टाँगों से खीचते हुए
तीसरे ने तलवार उठायी
अल्लाहु अकबर कहते हुए

भीगी आँखों से मन में चित्कारता
अब आँखें बंद कर रहा हूँ मैं
आबाद रखना इनको ऐ खुदा
जिनके हाथो मौत की नींद सो रहा हूँ मैं

तलवार नीचे सर्र से आयी
खुदा की गूंज फैली जोर से
ख़त्म हुआ खेल एक झटके में
टुकड़े टुकड़े हूआ पडा हूँ मैं
 🐐🐐🐐🐐🐐🐐🐐🐐
The Global Campaign to Stop Animal Sacrifice

★ Email: vegan@sudesh.org



Support this cause by Joining us on -
कृपया हम से इस पेज के माध्यम से जुड कर अपना सहयोग करें  - 


कृपया फोन नंबर के साथ अपना संदेश लिखें

Name

Email *

Message *